मुंबई: नाना पाटेकर-तनुश्री दत्ता छेड़खानी विवाद और आलोकनाथ-विनता नंदा रेप मामले के सामने आने के बाद से बॉलीवुड में काम करने वाली तमाम औरतों की सुरक्षा को लेकर कई तरह के सवाल उठ खड़े हुए हैं. ऐसे में फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॊइज (FWICE) ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि यौन शोषण के तमाम मामलों को एक लेकर अब एक स्पेशल रिड्रेसल सेल का गठन किया जाएगा और ऐसी तमाम शिकायतों के निपटारे के लिए खास इंतजाम किये जाएंगे.


बता दें कि फेडरेशन के तहत फिल्म इंडस्ट्री से संबंध रखनेवाले विभिन्न तरह के 24 संगठन जुड़े हुए हैं, जिसमें लगभग पांच कर्मचारी जुड़े हुए हैं.


फेडरेशन की तरफ से बुलाई गयी एक खास प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अशोक पंडित ने कहा कि जिस विशेष रिड्रेसल टीम का गठन किया जायेगा, उसमें फेडरेशन के तहत आनेवाले हर संगठन के तीन-तीन प्रतिनिधि होंगे. इसके अलावा, इस विशेष सेल में कुछ वकील भी होंगे, जो पीड़ित पक्ष का केस लड़कर उनकी मदद करेंगे. इतना ही नहीं, ऐसे केस पर आनेवाला खर्च भी फेडरेशन ही उठाएगा. शूटिंग के दौरान औरतों की सुरक्षा के लिए भी फेडरशन ने कुछ कदम उठाने‌ की बात कही.


अशोक पंडित ने कहा कि फेडरेशन की तरफ से तनुश्री से छेड़खानी के आरोपी नाना पाटेकर, विनता नंदा से रेप के आरोपी आलोकनाथ और अपनी कंपनी 'फैंटम' में काम करनेवाली एक लड़की का यौन शोषण करने के आरोपी फिल्म डायरेक्टर विकास बहल को फेडरेशन के विभिन्न संगठन के माध्यम से कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि अगर ये तीनों ही शख्स 10 दिन के अंदर फेडरेशन के नोटिस का जवाब देने में नाकाम रहते हैं तो फेडरेशन इनका बॉयकॉट करेगा और अपने तमाम संगठनों से इनके साथ पूरी तरह से असहयोग करने के निर्देश जारी करेगा.


फेडरेशन की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि इंडस्ट्री में हमें डर का माहौल बनाना पड़ेगा और तब कहीं जाकर लड़कियों क साथ होनेवाली यौन शोषण की ऐसी घटनाओं पर लगाम लगायी जा सकेगी.